विश्व के अधिकांश भाग तेजी से एक दूसरे से जूड़ते जा रहे हैं। यद्यपि देश के बीच इस पारस्परिक जूड़ाव के अनेक आयाम है . सांस्कृतिक, सामाजिक, रोजनीतिक, व्यापार एवं विदेशी निवेश और आर्थिक लेकिन इस अध्याय में अत्यन्त सीमित अर्थ में वैश्वीकरण की चर्चा की गई है। इसमें वैश्वीकरण को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के विदेश व्यापार एवं वेदेशी निवेश के माध्यम से देशों के बीच एकीकरण के रूप में परिभाषित किय गया। वैश्वीकरण की प्रक्रिया एवं इससे प्रभावों को समझने में उत्पादन एक एकीकरण और बाजार का एकीकरण एक महत्वपूर्ण धारणा है। इस अध्याय में वैश्वीकरण की प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए इसकी विस्तार से चर्चा की गई है। अगले विषय पर जाने से पहले आपको सूनिश्चित करना है कि छात्र इन विचारों को पर्याप्त स्पष्टता से आत्मसात कर ले। वैश्वीकरण को अनेक कारकों ने सुगमता प्रदान की है। इनमें से तीन कारकों पर बल दिया गया है।